Monday, February 16, 2009

जीने की राह

दुनिया मे हर तरह के लोग होते है
कुछ अच्छे तो कुछ बुरे होते है
बुरो की बुराई को न अपनाओ
अच्छो की अच्छाई को अपना लो
फिर देखो हर तरफ़ खुशियाँ मिलेंगी
हर तरफ़ बहार ही बहार खिलेगी
काँटो को न देखो
देखो तुम फूलो को
चोट अगर लग भी जाए
तो उससे भी कुछ सीखो
डाली से टूटकर भी फूल महक देता है
मरकर भी दूसरो को जीने का संदेश देता है

1 comment:

  1. i can see improvement in ur thoughts.Good. Am impressed by the message u conveyed thro this poem. Hope this msg is original. But u still need to improve...

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