Saturday, February 7, 2009

फ़रिश्ता

आज सुबह जब आँख खुली
देखा एक फ़रिश्ते को
देख उसे मन हर्षाया
दिल ने हिचकोला भी खाया
सोचा न था
कि सुबह इतनी हसीं होगी
मेरी ज़िन्दगी
उस फ़रिश्ते की होगी
हँसी का वरदान दिया ऐसा
मिले तिनके को सहारा जैसा
ऐ फ़रिश्ते तू सबको वरदान दे
सबकी ज़िन्दगी में तू
खुशियाँ ही खुशियाँ भर दे

1 comment:

  1. तुम्हे पढने को कहा था क्या हुआ उसका?

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