Saturday, January 31, 2009

कर्म

जिन्दगी का चक्र कभी रुकता नहीं
तो हे मनुष्य तू कर्म कर,तू कर्म कर
राह अगर मुश्किल हो तेरी
डगर अगर भरी हो कांटो से तेरी
तू केवल कर्म कर,तू कर्म कर
तू फल की चिंता छोड़ दे
अपनी मुश्किलें उसपर छोड़ दे
डगर मुश्किल सही फिर
निकल जायेगा तू इस भंवर से
भूल भी सुधर जायेगी इस मंजिल पे
डर ना तू कभी किसी पे
हार कर ना बैठ यूं ज़िन्दगी से
कर्म की गति बड़ी ही न्यारी है
उसका फैसला हमेशा तेरा सहाई है
ज़िन्दगी का चक्र कभी रुकता नहीं
हे मनुष्य तू कर्म कर,तू कर्म कर

ये ब्लॉग मेरे प्रिये मित्र रोनेय फर्नांडिस के कारण ही बनाना सम्भव हो पाया है
इस ब्लॉग को बनाने मे उसने मेरी बहुत मदद की है मै सदा उसकी आभारी रहूँगी मै दिल से उसका शुक्रिया अदा करती हूँ कि उसने मुझे इस काबिल समझा